कस्तूरी तिलक मंत्र महिमा
कस्तूरी तिलक मंत्र भगवान श्रीकृष्ण की अद्भुत शोभा और सौंदर्य का वर्णन करने वाला पवित्र मंत्र है। इस मंत्र का उच्चारण भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप का ध्यान करते हुए किया जाता है। यह मंत्र भक्तों के हृदय में आनंद और भक्ति का संचार करता है। कस्तूरी तिलक मंत्र महिमा–
कस्तूरी तिलक मंत्र का पूर्ण स्वरूप
कस्तूरी तिलकं ललाट पटले वक्ष: स्थले कौस्तुभं,
नासाग्रे वरमौक्तिकं करतले वेणु: करे कंकणं,
सर्वांगे हरि चन्दनं सुललितं कंठे च मुक्तावली,
गोपस्त्रीपरिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणि।
Kasturi tilakam lalata patale vakshah sthale kaustubham,
Nasagre varamauktikam karatale venuh kare kankanam,
Sarvange harichandanam sulalitam kanthe cha muktavali,
Gopastri pariveshtito vijayate gopala chudamani.
मंत्र का अर्थ और भावार्थ
कस्तूरी तिलक मंत्र का अर्थ भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप का वर्णन है। इस मंत्र में भगवान के विभिन्न अलंकार और शोभा का उल्लेख है।
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कस्तूरी तिलकं ललाट पटले: भगवान श्रीकृष्ण के ललाट पर कस्तूरी का तिलक सुशोभित है।
Kasturi tilakam lalata patale: Lord Krishna’s forehead is adorned with a fragrant musk tilak. -
वक्ष: स्थले कौस्तुभं: वक्षस्थल पर दिव्य कौस्तुभ मणि का तेज प्रकाशित हो रहा है।
Vakshah sthale kaustubham: On His chest shines the divine Kaustubha gem. -
नासाग्रे वरमौक्तिकं: नासिका पर सुंदर मोती की आभा है।
Nasagre varamauktikam: A beautiful pearl gleams on His nose. -
करतले वेणु: करे कंकणं: हाथों में बांसुरी और कलाई में कंगन का सौंदर्य है।
Karatale venuh kare kankanam: In His hands is the flute, and bracelets adorn His wrists. -
सर्वांगे हरि चन्दनं: पूरे शरीर पर हरिचंदन का सुगंधित लेप है।
Sarvange harichandanam: His entire body is covered with fragrant sandalwood paste. -
कंठे च मुक्तावली: गले में मोतियों की माला सुशोभित है।
Kanthe cha muktavali: A beautiful pearl necklace adorns His neck. -
गोपस्त्रीपरिवेष्टितो: गोपियों से घिरे भगवान की मधुर छवि है।
Gopastri pariveshtito: He is surrounded by the devoted Gopis. -
विजयते गोपाल चूडामणि: गोपियों में श्रेष्ठ गोपाल चूडामणि की विजय हो।
Vijayate gopala chudamani: Victory to the crown jewel among cowherds, Shri Krishna.
कस्तूरी तिलक मंत्र के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र का जप भक्त के हृदय में भक्ति का संचार करता है।
- मानसिक शांति: नियमित जाप से मन को शांति और आनंद प्राप्त होता है।
- श्रीकृष्ण की कृपा: इस मंत्र से भगवान श्रीकृष्ण की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
- सौंदर्य और आकर्षण: भगवान के स्वरूप का ध्यान करने से आत्मा शुद्ध और पवित्र होती है।
मंत्र जाप विधि –
- प्रातःकाल स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष दीप जलाकर मंत्र का उच्चारण करें।
- ध्यान करें कि भगवान के दिव्य स्वरूप को मन में बसा लें।
- कम से कम 108 बार जाप करें।
- मन को एकाग्र रखते हुए श्रीकृष्ण के सौंदर्य और आभा का ध्यान करें।
कस्तूरी तिलक मंत्र भगवान श्रीकृष्ण के सौंदर्य और दिव्यता का प्रतीक है। इस मंत्र का जाप करने से मन शांत और आत्मा पवित्र होती है। जो भक्त इस मंत्र का नियमित जाप करते हैं, उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की अपार कृपा प्राप्त होती है।
जय श्रीकृष्ण!